मुस्लिम धर्म की स्थापना कब और किसने की
इस्लाम धर्म की शुरुआत - इस दुनिया
में ना जाने कितने धर्म मौजूद हैं जिन सभी कि शुरुआत किसी भगवान ने नहीं बल्कि
इंसान ने ही कि है. कई धर्म हजारों साल पुराने हैं तो कई केवल कुछ साल पुराने है
धर्म की
स्थापना हर व्यक्ति को अपने जन्म का मूल कारण बताने के लिए कि गई थी, जिस से हर व्यक्ति अपने धर्म का
पालन करें और कोई भी बुरा कार्य ना करें. लेकिन समय के साथ-साथ यह धर्म बढ़ते चले
गए और इंसान बटते जिसके कारण आज को यह दिन आ गया है कि धरती पर सैकड़ों धर्म बन
चुके हैं जिन्होंने इंसनो का बटवारा कर रखा है.
मुस्लिम धर्म की स्थापना कब और किसने की |
दोस्त आज हम जिस धर्म कि बात करने जा
रहे हैं वह केवल कुछ सैकड़ों साल ही पुराना है लेकिन दुनिया भर में इसका पालन करने
वालों की आबादी अनगिनत है. जी हाँ आज हम आपको इस्लाम धर्म की शुरुआत के बारे में
बताने जा रहे हैं कि यह कहा से शुरु हुआ और इसे दुनिया में लाने वाला कौन-था?
दोस्तों
इस्लाम धर्म की शुरुआत सातवीं सदी में सऊदी अरब से हुई थी.
इसी कारण
इस्लाम को दुनिया के सबसे नए धर्मों में गिना जाता है. कहा जाता है कि पैगंबर
मोहम्मद ने इस्लाम धर्म की शुरुआत 610 ईस्वी में की थी. पैगंबर मोहम्मद ही
वह इंसान है जिसने दुनिया को कुरान से रूबरू कराया हालांकि कई लोगों का मानना है
कि इस्लाम धर्म पैगेंबर मोहम्मद के जन्म से पहले ही दुनिया में आ गया था. कुरान
भले ही पैगंबर मोहम्मद ने सुनाई हो मगर कुरान अपनी शुरुआत पैंगंबर मोहम्मद के साथ
नहीं जोड़ती.
पैगंबर मोहम्मद का जन्म 570 ईस्वी में मक्का में हुआ था.
पैगंबर के वालिदैन का नाम अब्दुल्लाह और अमिनाह बताया जाता है उनके सर से वालिदैन
का साया कम उम्र में ही उठ गया था जिसके बाद उनकी परवरिश उनके चाचा-जान ने की.
बताया जाता है कि मोहम्मद के चाचा ने उनका निकाह 25 वर्ष की उम्र में एक 40 वर्ष की खादिरझा के साथ तय कर
दिया था, शादी के
बाद उनकी चार बेटियां और दो बेटे थे.
पैगेंबर
मोहम्मद ही वह व्यक्ति हैं जिन्होंने इस्लाम को मक्का से मदीना कि ओर बढ़ाया था.
उन्होंने धीरे-धीरे अपने साथ लोगों को इस्लाम का महत्व बताते हुए मक्का से मदिना
कि ओर ले गए. 632ईस्वी
में 63 साल के
पैगंबर मोहम्मद का इंतकाल हो गया लेकिन इस्लाम धर्म को अपने आगे बढ़ाने के लिए एक
नया वारिस मिल गया जिनका नाम था खलीफा अबुबक्र. खलीफा ने इस्लाम को सभी देशों में
आगे बढ़ाया जिसकी वजह से आज इस्लाम इतना बड़ा और इतना पवित्र धर्म बन गया है.
मोहम्मद कि मौत के
बात उनको मदिना के ऊपर मकबरे में दफना दिया गया जिसे आज को मदिना मस्जिद के नाम से
जाना जाता है. और हर साल ईद के अफसर पर यहाँ हजारों मुसलमान ईद मनाने आते हैं यह
मंजर दुनिया के सबसे खूबसूरत नजारो में से एक माना जाता है. इस मस्जिद को दुनिया कि
सबसे पवित्र मस्जिद माना जाता है और यह दुनिया के सभी इस्लाम का पालन करने वाले
लोगों के जीवन में एक महत्वपूर्ण जगह रखती है. ये थी इस्लाम धर्म की शुरुआत -
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